श्रीलंका संकट में भारत-श्रीलंका वार्ता (India-Srilanka Talks during Srilankan Crisis)

 

श्रीलंका संकट में भारत-श्रीलंका वार्ता,फोर पिलर इनीशिएटिव,भारत श्रीलंका रिलेशंस ( India-Srilanka Meet during Srilankan Crisis, Four Pillar Initiative, India-Srilanka Relations)

श्रीलंका भारी मात्रा में आर्थिक संकट और भुखमरी जैसी समस्या से गुजर रहा है। इस देश की मुद्रा भंडार में भी काफी गिरावट हो चुकी है। श्रीलंका की सरकार ने देश में आर्थिक आपातकाल का ऐलान कर दिया है। श्रीलंका पर अभी के समय में 2021 में 55 अरब डॉलर का कर्ज़ हो गया है जो जीडीपी का 80 फ़ीसदी है। इस तंगी की वजह से श्रीलंका को बार-बार चीन से कर्ज लेना पड़ रहा है और ऐसे में चीन का उपनिवेश बनने के कारण यह भारत के लिए भी एक चिंता की बात है। तो क्या श्रीलंका और भारत के बीच में इस संकट को लेकर कोई बातचीत हुई है? आर्टिकल के माध्यम से आपको इससे जुड़ी सभी जानकारी से साझा करेंगे। 

भारत-श्रीलंका वार्ता (India-Srilanka Talks)

श्रीलंका के फाइनेंस मिनिस्टर भारत आए और काफी मुद्दों पर भारत के साथ चर्चा की। आपको बता दें कि भारत-श्रीलंका ने इस मीटिंग के दौरान चार मुद्दों पर वार्ता की है। दोनों देशों ने सहमति दिखाई है कि दिन मिलकर फूड (food) और एनर्जी के विषय पर ध्यान दिया जाएगा। दोनों देशों में लेकर चर्चा की कि कैसे आर्थिक संकट और भुखमरी को कम किया जा सकता है।

फोर पिलर इनीशिएटिव (Four Pillar Initiative)

इस इनिशिएटिव के अंतर्गत भारत ने यह डिसाइड किया है की एक ‘लाइन ऑफ क्रेडिट’ रखा जाएगा यानी श्रीलंका को भारत की तरफ से कुछ आर्थिक मदद दी जाएगी। इसका मतलब है श्रीलंका को भारत की तरफ से पैसे की मदद दी जाएगी। भारत श्रीलंका को खाने, दवाइयों और फ्यूल खरीदारी के लिए क्रेडिट ग्रांट करेगा। 

भारत द्वारा ‘Trincomalee oil tank farm’ मॉडर्नाइज (Trincomalee oil tank farm)

भारत ने श्रीलंका के साथ मीटिंग में यह भी तय किया कि ‘Trincomalee oil tank farm’ को भी डिवेलप किया जाएगा। भारत काफी लंबे समय से श्रीलंका के इस ऑयल फॉर्म को परसू कर रहा है और अब भारत ने श्रीलंका के इस ऑयल फॉर्म को नया करने का फैसला भी लिया है।

आने वाले समय में बातचीत (Indo-Srilankan Talks in near future)

इंडियन फाउंडेशन द्वारा ऑर्गेनाइज किया गया ‘इंडियन ओशन रीजन कॉन्फ्रेंस’ भारत और श्रीलंका द्वारा इनॉग्रेट्स किया जाएगा। इनॉग्रेशन अबू धाबी में होगा।इस कांफ्रेंस के इनॉगरेशन के दौरान भारत और श्रीलंका के बीच और भी बातचीत की जाएगी। भारत के एक्सटर्नल अफेयर मिनिस्टर श्री जयशंकर श्रीलंकन प्रेसिडेंट से श्रीलंका के आर्थिक संकट के विषय पर और भी कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

भारत श्रीलंका रिलेशंस (India-Srilanka Relations)

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत और श्रीलंका के बीच कुछ दिनों पहले रिलेशन अच्छे नहीं थे। श्रीलंका लगातार चाइनीज कंपनियों को सपोर्ट कर रही थी और उन चाइनीस कंपनियों को बढ़ावा दे रही थी। अब श्रीलंका चीन के कर्जे में डूबा हुआ है। श्रीलंका के पोट को चाइना ने रेंट पर रख लिया है। यह वही पोर्ट है जिसे भारत ने यह तय किया था कि भारत जापान के साथ मिलकर श्रीलंका के स्पोर्ट पर काम करेगा और उसे डिवेलप करेगा। इस प्रोजेक्ट को श्रीलंका ने मना कर दिया और चीन को यह प्रोजेक्ट दे दिया था। इससे भारत श्रीलंका के रिलेशन और भी नाजुक हो गए थे मगर श्रीलंका ने रिलेशंस ठीक करने के लिए फिर भारत से वेस्ट कोस्ट टर्मिनल बनाने के लिए सहमति दिखाई और अब यह अग्रिम एंट भारत और श्रीलंका के बीच हो चुका है जिसे अदानी ग्रुप के द्वारा बनाया जाएगा। 

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