नीति आयोग द्वारा बहुआयामी गरीबी सूचकांक रिपोर्ट प्रकाशित ( NITI Aayog Publishes Multidimensional Poverty Index (MPI) Report)

 

नीति आयोग की बहुआयामी सूचकांक रिपोर्ट, कैसे होती है रिपोर्ट तैयार, राज्यों का प्रदर्शन ( NITI Aayog Multidimensional Poverty Index Report, Report Preparation, States’ Performances)

हाल ही में नीति आयोग द्वारा बहुआयामी गरीबी सूचकांक रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट में बिहार, झारखंड और यूपी को भारत के गरीब राज्यों के रूप में चिन्हित किया गया है। बहुआयामी गरीबी सूचकांक रिपोर्ट ने ये भी साझा किया है कि 2015-16 में भारत में मौजूद चार में से एक आदमी बहुआयामी गरीबी से पीड़ित था। तो आइए इस आर्टिकल के माध्यम से जानें कि नीति आयोग की बहुआयामी गरीबी सूचकांक रिपोर्ट में किन तथ्यों को चिन्हित किया गया है। साथ ही इससे जुड़े आयामों पर भी यहां चर्चा की जाएगी।

कैसे तैयार होती है बहुआयामी गरीबी सूचकांक रिपोर्ट ( How does Multidimensional Poverty Index (MPI) Report get prepared) 

 बहुआयामी गरीबी सूचकांक रिपोर्ट में आर्थिक स्थिति और कमी का आकलन किया जाता है। इस रिपोर्ट को ऑक्सफोर्ड पावर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनिशिएटिव एवं संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम के माध्यम से बनाई गई विश्व स्तरीय पद्धति को ध्यान में रख कर निकाला जाता है। इस बहुआयामी गरीबी सूचकांक रिपोर्ट को शिक्षा, स्वास्थ्य, जीवन स्तर जैसे आयामों का मूल्यांकन कर के बनाया जाता है।इस सूचकांक में भारत को 109 देशों में 62वा स्थान है। नीति आयोग की रिपोर्ट में देश के गरीब राज्य, उनमें मौजूद अभावों आदि से संबंधित सूचनाओं को साझा किया गया है।

बहुआयामी सूचकांक रिपोर्ट के लिए महत्वपूर्ण आयाम खंड

  • पोषण
  • प्रसवपूर्व देखभाल
  • संपत्ति
  • बैंक खाते
  • बिजली
  • आवास
  • स्वच्छता
  • बाल एवं किशोर मृत्यु दर
  • स्कूल में उपस्थिति
  • स्कूली शिक्षा से संबंधित वर्ष
  • खाना पकाने का ईंधन
  • पेयजल

कैसा रहा राज्यों का प्रदर्शन ( How states performed in MPI )

नीति आयोग की बहुआयामी गरीबी सूचकांक रिपोर्ट में केंद्र शासित प्रदेशों का प्रदर्शन अच्छा रहा है। जहां लक्ष्यद्वीप, दिल्ली, अंडमान और निकोबार का प्रदर्शन संतोषजनक रहा वही बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश जैसे राज्य कुपोषण और गरीबी से पीड़ित हैं। इस सूचकांक में बिहार आखरी पायदान पर आया है। 

मातृत्व स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा, ईंधन की कमी आदि की समस्या से बिहार की जनसंख्या का एक बड़ा भाग जूझ रहा है।जहां बिहार राज्य में 51.91 प्रतिशत गरीब मौजूद हैं वही केरल राज्य में 0.71 प्रतिशत जनसंख्या गरीब है। केरल के अलावा गोवा,सिक्किम, तमिल नाडु ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है।

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